प्लास्टिक प्रदूषण: इंसान दुनिया को प्लास्टिक में कैसे बदल रहा है | Kurzgesagt

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ट्रांसक्रिप्ट

जब देवताओं ने राजा मिदास को एक इच्छा दी, तो मिदास ने कामना की कि वह जो कुछ भी छुएगा वह सोने में बदल जाएगा।

मिदास प्रसन्न था। पेड़, चट्टानें, इमारतें सब सोने मे बदल रहे थे।

लेकिन जल्द ही वह दहशत में आ गया, क्युन्कि उसका खाना सोने में बदल गया।

जब उसने अपनी बेटी को अपने गले लगाया, तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।

सन्सार​ का सबसे धनी व्यक्ति भूखा, उदास और अकेला था।

मानवता को एक समान इच्छा मिली जब हमने सीखा कि कैसे बदबूदार तेल​ को जादू, याने, प्लास्टिक में बदल दिया जा सक्ता है।

सस्ता, साफ़​ और सुविधाजनक इसने हमारे जीवन को बदल दिया

लेकिन तकनीक का ये अजूबा, हमारे हाथों से निकल गया।

प्लास्टिक ने हमारे पर्यावरण को संतृप्त कर दिया है।

इसने हमारे जानवरों पर आक्रमण किया है और अब यह हमारे शरीर में अपना रास्ता खोज रहा है।

[आकर्षक परिचय संगीत]

प्लास्टिक क्या है?

हमारे इतिहास मे अधिकतर मनुष्यों ने प्रकृति में पाए जाने वाले सामानों का उपयोग किया है आवश्यक वस्तुयें बनाने के लिये।

लेकिन १०० साल पहले प्लास्टिक के आविष्कार ने हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया।

प्लास्टिक पॉलिमर से बनता है - जो अणु-समूहों की लंबी दोहराई-जाने-वाली श्रृंखला होति है।

प्रकृति में, पॉलिमर हर जगह मौजूद हैं: कोशिकाओं की दीवारें, रेशम, बाल, कीट कालीन, डीएनए।

लेकिन उसे बनाना भी संभव है।

कच्चे तेल को घटकों में तोड़कर और उन्हें पुनर्व्यवस्थित करके, हम नए सिंथेटिक पॉलिमर बना सकते हैं।

सिंथेटिक पॉलिमर मे निराली खूबियां हैं।

वे हल्के, टिकाऊ होते हैं और लगभग किसी भी आकार में ढाले जा सकते हैं।

शारीरिक काम की आवश्यकता ना होने के कारण, प्लास्टिक आसानी से बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जा सकता है

और इसके भाग भारी मात्रा में उपलब्ध हैं

और सस्ते है; और इस प्रकार प्लास्टिक का स्वर्ण युग शुरू हुआ|

बेकेलाइट का उपयोग यांत्रिक भागों के लिए किया जाता था और पीवीसी का प्लम्बिंग, गियर्स और डबौं के लिए,

ऐक्रेलिक ग्लास का मज्बूत​ विकल्प है, और नायलॉन, मोज़ों और युद्ध उपकरणों के लिए|

आज लगभग सब कुछ प्लास्टिक से बनता है।

कपड़े, फोन, कंप्यूटर, फर्नीचर, उपकरण, मकान और हमारी गाडीयां।

प्लास्टिक एक क्रांतिकारी जादुई पदार्थ बनने के बाद, अब​ कचरा बन गया है।

कॉफी कप या प्लास्टिक बैग। हम इनके बारे में बहुत नहीं सोचते हैं।

प्लास्टिक सिर्फ आता है और चला जाता है।

दुर्भाग्य से, यह सच नहीं है|

क्युन्कि सिंथेटिक पॉलिमर इतने टिकाऊ होते हैं, प्लास्टिक को टूटने में ५०० से १,००० साल तक​ लगते हैं।

लेकिन सामूहिक रूप से, हमने इसका उपयोग फेंक दिये जाने वाली चीजों के लिये किया।

४०% प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए उपयोग किया जाता है।

अमेरिका में, पैकेजिंग सभी कचरे का १/३ हिस्सा है।

इसके आविष्कार से अब तक​, हमने लगभग ८.३ लाख करौड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन किया है।

अकेले २०१६ में हमने ३३५० लाख​ टन प्लास्टिक का उत्पादन किया।

सन १९०७ से अब तक​ ८.३ लाख करौड़ टन प्लास्टिक कचरा फ़ेका गया है।

एक जगह पर ढेर हो जाये, तो १.९ किलोमीटर लंबा डब्बा बनाता है।

तो हमने इस सब कचरे के साथ क्या किया?

९% का पुनर्नवीनीकरण किया गया, १२% जला दिया गया।

परंतु

७९% अभी भी वातावरण​ मे है।

सागर में बहुत सारा जाता है। एक वर्ष में लगभग ८० लाख टन।

इतना प्लास्टिक है, कि २०५० तक समुद्र मे मछलियों से ज़्यादा कचरा होगा।

क्योंकि यह हर जगह है, समुद्री जानवर प्लास्टिक में फंसते रहते हैं और उसे निगलते रहते हैं।

2015 में पहले से ही 90% समुद्री पक्षी प्लास्टिक खा चुके थे।

कई जानवर कचरे से भरे पेट के कारण मर​ रहे हैं। 2018 में स्पेन में एक मृत व्हेल बह कर तट​ आ पहुंची।

उसने ३२ किलो प्लास्टिक बैग, जाले और एक ड्रम खाया था|

हालांकि यह दुखद है और इस्से पत्रिकाओं के कवर बनते हैं| दुनिया में और भी ज़्यादा

अद्रिश्य​ प्लास्टिक है।

लघुप्लास्टिक

लघुप्लास्टिक 5 मिलीमीटर से छोटे प्लास्टिक टुकड़े हैं

कुछ सौंदर्य प्रसाधन या टूथपेस्ट में उपयोग होता है,

लेकिन सबसे अधिक कचरे से बनता है जो लगातार यूवी किरण के संपर्क में है

और छोटे टुकड़ों में टूट जाता है

५१ खरब ऐसे कण समुद्र में तैरते हैं,

जहाँ सभी समुद्री जानवर​ और भी आसानी से उन्हे निगल जाते हैं।

इससे वैज्ञानिकों में चिंता बढ़ गई है,

विशेष रूप से रसायनों से स्वास्थ्य जोखिम के बारे में।

बीपीऐ प्लास्टिक बोतलों को पारदर्शी बनाता है

लेकिन सबूत है कि यह हमारे हार्मोनल सिस्टम में नुक्सान​ करता है। डीएचपी प्लास्टिक को अधिक लचीला बनाता है,

लेकिन इस्से कैंसर हो सकता है।

बहुत बुरा होगा यदि छोटे प्लास्टिक जहरीले हो, क्योंकि वे खाद्य श्रृंखला की यात्रा करते हैं।

ज़ोप्लांकटन छोटे प्लास्टिक खाते हैं। छोटी मछलियाँ ज़ोप्लांकटन खाती हैं।

केकड़ों और शिकारी मछलीयां भी छोटे प्लास्टिक खाते हैं और इन्सान उन्हे खाते हैं।

छोटे प्लास्टिक शहद, नमक, बीयर, पानी में और आसपास धूल में पाये गये हैं।

८०% बच्चों और लगभग सभी बड़ों

के शरीर में प्लास्टिक के रासायन​ फ्थालेट की काफ़ी मात्रा है।

और ९३% लोगों के मूत्र में बीपीए है

अभी तक इसके बारे में बहुत कम विज्ञान है और यह अनिर्णायक है।

भगदड़ करने से पहले हमें और शोध करने की जरूरत है।

लेकिन यह कहना जायज़​ है कि बहुत चीजें हुईं जिनका हमने सोचा नही था। हमने काबू खो दिया है

एक हद तक प्लास्टिक से, जो डरावनी बात​ है।

हमें प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, है ना?

दुर्भाग्य से, यह थोड़ा उलझन​ भरा विशय​ है।

प्लास्टिक प्रदूषण अकेली पर्यावरणीय चुनौती नहीं है।

प्लास्टिक के विकल्प अन्य तरीकों से प्रभाव डालते हैं।

उदाहरण के लिए :

हाल ही में डेनमार्क सरकार के एक अध्ययन के अनुसार,

ऐक​-उपयोग प्लास्टिक बैग बनाने में बहुत कम ऊर्जा चाहिये और कम कार्बन डाइऑक्साइड निकल्ती है कप्डे के बैग की तुलना में|

आपको ७१०० बार अपने कप्डे के बैग का उपयोग करना पडेगा

इससे पहले कि, प्लास्टिक थैली से कम बुरा प्रभाव डालेगा पर्यावरण पर।

दोनो के अपने फ़ायदे और नुकसान है। हर चीज पर किसी तरह से प्रभाव पड़ता है,

और उनके बीच सही संतुलन पाना मुश्किल है।

प्लास्टिक समस्याओं को हल करता है जिनके हमारे पास कोइ हल​ नही है।

सभी खाद्य पदार्थों का एक तिहाई हिस्सा कभी नही खाया जाता, और भूमि में सड़ने चला जाता है जहां यह मीथेन का उत्पादन करता है।

और भोजन खराब होने से बचाने का सबसे अच्छा तरीका अभी भी प्लास्टिक की पैकेजिंग है।

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि दुनिया के प्लास्टिक प्रदूषण का अधिकांश हिस्सा कहां से आ रहा है।

नदियों से समुद्र में प्रवेश करने वाले प्लास्टिक का ९०% हिस्सा एशिया और अफ्रीका में सिर्फ दस नदियों से आता है।

अकेले चीन में यांग्त्ज़ी नदी हर साल समुद्र में १५ लाख​ टन प्लास्टिक बहाती है।

चीन और​ भारत जैसे देश

या अल्जीरिया या इंडोनेशिया का

पिछले कुछ दशकों में प्रभावशाली गति से औद्योगिकीकरण हुआ, अरबों लोगों का जीवन बदला है

यह विकास इतना तेज था कि

कचरा निपटान व्यवस्था इस नए कचरे को संभाल नही सकी है

यूरोप और अमेरिका के राजनेता यदि इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं,

विकासशील देशों में व्यवस्था में निवेश करना उतना ही महत्वपूर्ण है

जितना प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के अभियान करना और अनावश्यक उत्पादन कम करने के लिए उत्पादों को नया स्वरूप देना है।

(लब्बोलुआब यह है कि) जब तक हम दुनियाभर​ के नज़रिये से प्लास्टिक प्रदूषण को दूर करने का नही सोचेंगे, हम इसे हल नहीं करे पायेंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण एक जटिल समस्या है।

हमें एक जादुई सामग्री मिली और इस्का अच्छा समय भी था,

लेकिन हमें सावधानी बरतने की जरूरत है या मिडास की तरह, हम एक ऐसी दुनिया में आ जाएंगे जिसकी हमने कलपना नही की थी।

आपके व्यक्तिगत कार्यों का अभी भी एक बड़ा प्रभाव है। आप क्या करते हैं यह मायने रखता है!

डिस्पोजेबल प्लास्टिक को मना करें। अपने दोस्तों और परिवार को भी ऐसा करने के लिए मनाएं।

कंपनियों और नेताओं पर​ हमारे महासागरों को साफ रखने का, हमारे भोजन को सुरक्षित रखने का दबाव डालें।

एक साथ हम प्लास्टिक प्रदूषण को हरा सकते हैं!

यह वीडियो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और उनके स्वच्छ समुद्र अभियान के साथ एक सहयोग था।

यदि आप प्लास्टिक की समस्या के बारे मे कुछ​ करना चाहते हैं, तो क्लीनसीज़​.ओर्ग पर जाएं और अपनी प्रतिज्ञा करें।

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