अंडा - एक लघुकथा | Kurzgesagt

🎁Amazon Prime 📖Kindle Unlimited 🎧Audible Plus 🎵Amazon Music Unlimited 🌿iHerb 💰Binance

वीडियो

ट्रांसक्रिप्ट

आप घर लौट रहे थे जब आप की मृत्यु हो गयी

यह एक कार दुर्घटना थी।

विशेष रूप से उल्लेखनीय कुछ भी नहीं,

… लेकिन फिर भी घातक।

यह एक पीड़ाहीन मृत्यु थी।

डॉक्टर ने आपको बचाने की पूरी कोशिश की,

…लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

आपके शरीर को बहुत क्षति पहुची थी

… उससे बेहतर मृत्यु ही होती।

और तब तुम मुझसे मिले।

“क्या हुआ?”

“मैं कहाँ हूँ?”

“तुम्हारी मृत्यु हो गयी” मैंने कहा, सीधी बात।

ज्यादा शब्दो के हेर-फेर से बचते हुए।

“वहाँ पर … एक ट्रक था …

… और वह फिसल रहा था । "

“हाँ।”

“मैं…”

“मैं … मर चुका हूँ ?”

“हाँ।”

“लेकिन तुम बुरा महसूस मत करो।”

“हर कोई मरता है।”

तुमने चारों ओर देखा।

वहाँ बस शून्यता थी।

सिर्फ तुम और मैं।

“यह कौन सी जगह है?”

““ये मरने के बाद का जीवन है?”

“लगभग।”

“क्या आप ईश्वर हो?”

“हाँ, मैं ईश्वर हूँ।”

“मेरे बच्चे, मेरी पत्नी …”

“उनके बारे में क्या?”

“क्या वे सब ठीक रहेंगे?”

“मुझे यही देखना है,” मैंने कहा,

“तुम अभी अभी मरे हो लेकिन तब भी तुम्हारी मुख्य चिंता तुम्हारा परिवार है।

यह अच्छी बात है। ”

तुमने मुझे आश्चर्य से देखा।

तुम्हे मैं ईश्वर जैसा नहीं लग रहा था।

मैं तो बस किसी पुरुष या संभवतः एक महिला की तरह दिख रहा था।

या किसी अस्पष्ट आधिकारिक शक्ति जैसा ।

“चिंता मत करो,” मैंने कहा, “वे ठीक से रहेंगे।”

“तुम्हारे बच्चे तुम्हें हर तरह से परिपूर्ण याद रखेंगे।

उनके पास तुम्हारे प्रति मतभेद रखने का समय ही नहीं था |

तुम्हारी पत्नी बाहर से तो रोएगी,

… लेकिन अंदर से उसे एक राहत मिलेगी।

सच कहूँ तो, तुम्हारी शादी टूटने की कगार पर थी।

तुम बस ये सांत्वना रख सकते हो,

… वह उस राहत के कारण बहुत ग्लानि महसूस करेगी। "

“ओह …

तो अब आगे क्या?

क्या मैं स्वर्ग या नर्क या कहीं और जाऊंगा? ”

“नहीं, तुम्हारा पुनर्जन्म होगा।”

“आह,”

“… इसका मतलब हिंदू सही थे।”

“सभी धर्म अपने तरीके से सही हैं।

मेरे साथ चलो।”

हम शून्यता से आगे बढ़े और तुम मेरे पीछे चलते रहे ।

“हम कहा जा रहे है?”

“कहीं भी नहीं।

बात करते करते साथ में चलना अच्छा रहेगा। ”

“तब… इन सब का उद्देश क्या है?

जब मैं दूसरा जन्म लूँगा,

… मैं सिर्फ एक खाली स्लेट जैसा रहूँगा न?

एक शिशु।

तो, मेरे सभी अनुभव और सब कुछ,

… इस जीवन में मैंने जो कुछ किया, वह मायने नहीं रहेगा? "

“ऐसा नहीं है।

तुम्हारे पास, तुम्हारे भीतर, सारा ज्ञान है और तुम्हारे सभी पिछले जीवन का अनुभव भी।

तुम्हें बस अभी वह सब याद नहीं है। "

मैं थोड़ी देर रुका और तुम्हारे कंधे पर हाथ रखा ।

“तुम्हारी आत्मा तुम्हारी कल्पना से काफी भव्य, खूबसूरत और विशाल है ।

मनुष्य का मस्तिष्क आत्मा की सम्पूर्ण विशालता का केवल एक छोटा सा अंश ही समझ सकता है

यह इकदम वैसा ही है जैसे की तुम पानी में उंगली डालते हो ये समझने के लिए की पानी ठंडा है या गरम।

तुम अपने शरीर का एक छोटा सा हिस्सा पानी में डालते हो

… और जब उसे बाहर निकालते हो,

… तब तक तुम्हे पानी का सारा अनुभव हो चुका होता है।

तुम पिछले 48 वर्षों से एक मनुष्य रूप में ही थे

… इसलिए तुमने अभी तक विस्तार नहीं किया है और अपनी विशाल चेतना को महसूस नहीं किया है।

अगर हम यहां काफी देर तक बैठे रहे,

तुमको सब कुछ याद आने लगेगा।

लेकिन प्रत्येक जन्म के बीच ऐसा करने का कोई मतलब नहीं है। ”

“मैंने कितनी बार पुनर्जन्म लिया है?”

“ओह, बहुत सारे।

बहुत बहुत सारे,

… और विभिन्न जीवन में बहुत सारे।

इस बार,

… तुम 540 ई। में एक चीनी किसान लड़की होगे "

“रुको … क्या?”

आप मुझे समय में वापस भेज रहे हो?

“हाँ, तकनीकी रूप से तुम ऐसा कह सकते हो।

समय को जैसा तुम समझते हो वैसा वो केवल तुम्हारे लोक में है।

मैं जहां से आता हूं वहां चीजें अलग होती हैं। ”

“आप …. आप कहाँ से आए हो?”

“मैं कहीं और… कहीं और से आया हूँ।

और वहाँ मेरे जैसे कई और है।

मुझे पता है कि तुम जानना चाहते हो कि वहां सब कैसा है,

… लेकिन सच कहूँ तो तुम्हें समझ नहीं आएगा। "

“ओह …” तुमने कहा, थोड़ा निराश होकर।

“लेकिन रुकें।

अगर मैं पुनर्जन्म लेता हूँ वो भी बीते हुए समय में,

… मैं किसी समय अपने आप से बातचीत भी कर सकता हूँ। "

“हाँ, यह हर समय ही होता है।

और तुम्हारे दोनों जन्म केवल अपने जीवनकाल के बारे में जानते हुए,

… तुम्हें पता भी नहीं चलता कि यह हो रहा है। "

“तब… इन सब का उद्देश क्या है?”

मैंने ततुम्हारी आँखों में देखा।

“जीवन का अर्थ,

… इस पूरे ब्रह्मांड की रचना का कारण,

…यह तुम्हारे परिपक्व होने के लिए है। "

“आपका मतलब है मानव जाति, आप चाहते हैं कि हम परिपक्व हों?”

“नहीं, सिर्फ तुम।

मैंने यह पूरा ब्रह्मांड तुम्हारे लिए बनाया है।

प्रत्येक नए जीवन के साथ तुम विकसित होते हो और परिपक्व होते हो,

… और बड़े से बड़े ज्ञानी बनते हो। "

“सिर्फ मैं?

बाकी सबका क्या? "

“और कोई नहीं है।

इस ब्रह्मांड में, बस तुम और मैं हूँ। "

तुम मेरी तरफ शून्यता से देखते रहे।

“लेकिन पृथ्वी पर सभी लोग?”

“सब तुम ही हो।

तुम्हारे अलग अलग पुनर्जन्म है। ”

“रुकिए, मैं…

…हर व्यक्ति हूँ ?”

“अब तुम्हें समझ में आ रहा है।”

“मैं हर इंसान हूं जो इस पृथ्वी पर जन्मा?”

“या … आगे जन्मेगा, हाँ।”

“मैं अब्राहम लिंकन हूं?”

“और जॉन विल्क्स बूथ भी हो।”

“मैं हिटलर हूँ?”

… तुमने स्तंभित होकर कहा ।

“और उसने जिन लाखों को मारा वह भी तुम ही हो।”

“मैं यीशु हूँ?”

“और तुम वह सभी लोग हो जो उनके भक्त है।”

तुम चुप हो गए।

“हर बार जब तुम किसी को पीड़ित करते हो,

… तुम खुद को पीड़ित कर रहे होते हो।

तुम्हारे द्वारा किया गया दया का हर कार्य,

… वह खुद के लिए किया गया है।

हर सुखद और दुखद क्षण जो कभी भी किसी इंसान द्वारा अनुभव किया गया

… वो तुमने खुद अनुभव किया है या करोगे। "

तुमने लंबे समय तक सोचा।

“क्यों?

यह सब क्यों? "

“क्योंकि एक दिन, तुम मेरे जैसे हो जाओगे।

क्योंकि वही तुम हो।

तुम मेरे जैसे हो। मेरे पुत्र हो! ”

“वाह!,” तुमने कहा, अविश्वसनीय।

“आपका मतलब है, मैं ईश्वर हूँ!”

“नहीं, अभी नहीं। तुम अभी बस एक भ्रूण हो,

तुम अब भी बढ़ रहे हो।

जब तुम सभी मनुष्यो के सारे जीवनकाल सभी कालो में जी चुके होगे,

… तब तुम जन्म के लायक हो जाओगे। "

“तो, ये पूरी सृष्टि …

यह सिर्फ …”

“एक अंडा है!”, मैंने जवाब दिया।

“अब समय आ गया है तुम अपने दूसरे जन्म के लिए आगे बढ़ो।”

और मैंने तुम्हें अपने रास्ते पर भेज दिया।

As an Amazon Associate I earn from qualifying purchases 🛒
के साथ बनाया गया (ノ◕ヮ◕)ノ🪄💞💖🥰 across the gl🌍🌏🌎be